अब और आगे बढ़ों, इन लहरों का न आज थमने दो ! अब और आगे बढ़ों, इन लहरों का न आज थमने दो !
कलम बिन जीवन का है नहीं कोई योग कलम बिन जीवन का है नहीं कोई योग
जो सचमुच में लड़ाकू है पार उसी ने पाई है। जो सचमुच में लड़ाकू है पार उसी ने पाई है।
अंत में यही कहूँगी सुनना सबकी करना हमेशा मन की। अंत में यही कहूँगी सुनना सबकी करना हमेशा मन की।
ना कर किसी की बुराई...रहना है सलामत तो ईश्वर की इबादत की कदर कर ..। ना कर किसी की बुराई...रहना है सलामत तो ईश्वर की इबादत की कदर कर ..।
जीवन की सच्चाई को उजागर करती हुई साहित्य की समाज की जान है कविता। जीवन की सच्चाई को उजागर करती हुई साहित्य की समाज की जान है कविता।